इस लेख में हिंदी में कैशलेस अर्थव्यवस्था के फायदे व नुकसान (Advantages and disadvantages of cashless economy in Hindi) के विषय में बताया गया है। इस लेख में कैशलेस अर्थव्यवस्था का अर्थ और इसके कुछ लाभ और हानि के बारे में विस्तार से चर्चा किया गया है।
कैशलेस अर्थव्यवस्था क्या है? Meaning of Cashless Economy in Hindi
ज्ञातव्य है कि मुद्राओं के चलन के पहले बार्टर सिस्टम का चलन था, जिसके पश्चात लोगों के दिनचर्या में भौतिक मुद्राओं का समावेश हो गया। आधुनिक समय में पूरी अर्थव्यवस्था में एक बड़ा बदलाव आया है, जहां परंपरागत चले आ रहे आर्थिक प्रणाली को नवीन कैशलेस अर्थव्यवस्था में रूपांतरित करने की पहल की जा रही है।
कैशलेस अर्थव्यवस्था पूरे दुनिया के अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा में मोड़ने की शक्ति रखता है। यह सबसे नवीन अर्थव्यवस्था में हुआ परिवर्तन माना जाएगा। जिस प्रकार अब तक मुद्राओं के जरिए वस्तु अथवा सेवाओं का लेनदेन होता चला आ रहा है, वह पूर्ण रूप से कैशलेस इकोनामी में बदल जाएगा।
दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जो कैशलेस अर्थव्यवस्था को अपना रहे हैं। ब्राज़ील, स्वीडन, डेनमार्क और नॉर्वे जैसे कई देश कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ अग्रसर हो रहे हैं। भारत जैसे विकासशील देश भी अब भौतिक नकद के संचालन को धीरे-धीरे सीमित कर कैशलेस अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन कर रहे हैं।
कैशलेस अर्थव्यवस्था के 9 फायदे Advantages of Cashless Economy in Hindi
सुविधाजनक आदान प्रदान
डिजिटल ट्रांजैक्शन के माध्यम से अब धन का आदान-प्रदान और भी अधिक सुविधाजनक हो गया है। कैशलेस अर्थव्यवस्था के आने का सबसे बड़ा लाभ है कि कहीं भी, कभी भी और किसी भी व्यक्ति को केवल एक क्लिक करके धन हस्तांतरित बेहद आसानी से किया जा सकता है।
अंतराष्ट्रीय भुगतान में सरलता
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिना एक्सचेंज रेट की चिंता किए मुद्रा का आदान-प्रदान बेहद सरलता से किया जा सकता है। जो भी लोग अंतरराष्ट्रीय यात्रा करते हैं, उनके लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन बेहद फायदेमंद है। अंतरराष्ट्रीय भुगतान करने के लिए केवल एक स्मार्टफोन डिवाइस का होना आवश्यक होता है, जिससे बैंक खाता जुड़ा होना चाहिए।
डिजिटल ख़रीदी पर छूट
डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा कैशलेस अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करते हुए बहुत सारे क्षेत्रों में डिजिटल खरीदी करने पर कुछ प्रतिशत छूट प्रदान किया जाता है। इसके अलावा कैशबैक ऑफर्स भी डिजिटल खरीदी पर उपभोक्ताओं को दिए जाते हैं।
वित्तीय आंकड़ों का संग्रह
डिजिटल ट्रांजैक्शन करने के बाद सभी ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड्स हो जाते हैं। इससे यह फायदा होता है कि आप अपने इनकम और एक्सपेंसेस का आसानी से मूल्यांकन कर सकते हैं। यह बजट को अनुशासित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।
कम जोख़िम
यदि मोबाइल वॉलेट या कार्ड दुर्भाग्यवश कहीं गुम हो जाए, तो उसे आसानी से ब्लॉक करवाया जा सकता है, जिसके बाद कोई भी पैसे अकाउंट से नहीं निकाल पाएगा। लेकिन यदि एक बार पैसा खो जाए तो उसको वापस लाना असंभव हो जाता है।
नक़द चोरी से छुटकारा
अक्सर जल्दी बाजी में लोगों के पैसे कहीं गिर जाते हैं या फिर चोरी हो जाते हैं, इससे बड़ा नुकसान सहना पड़ता है। लेकिन कैशलेस अर्थव्यवस्था में नकद की चोरी होना लगभग असंभव होता है। क्योंकि डिजिटल ट्रांजैक्शंस बहुत हद तक सुरक्षित और उपभोक्ता के नियंत्रण में होते हैं।
नक़ली मुद्रा का डर समाप्त
कैशलेस अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने का एक कारण काला धन की समस्या का निवारण करना भी माना जा सकता है। प्लास्टिक कार्ड्स के उपयोग से नकली मुद्रा की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
नकली मुद्रा और काला धन की समस्या पर तंज कसने के लिए ही भारत सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी।
मुद्राओं के माध्यम से फैलने वाली बीमारियों से राहत
कई रिसर्च के अनुसार यह कहा गया है कि पब्लिक टॉयलेट्स के बाद मुद्राओं के जरिए ही सबसे ज्यादा बैक्टीरिया और बीमारियां फैलती हैं। कैशलेस इकोनॉमी मुद्राओं के माध्यम से फैलने वाली बीमारियों के इस समस्या को दूर करता है।
अपराधिक मामलों में कमी
गौरतलब है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन के चलते छोटे स्तर पर ही सही लेकिन कुछ अपराधिक मामलों में कमी आई है। उदाहरण स्वरूप भौतिक मुद्रा के उपयोग करने से चोरी चकारी का डर बना रहता है।
कई बार पैसों को लेकर लोगों में झगड़ा और हिंसक अपराध तक हो जाता है, लेकिन कैशलेस अर्थव्यवस्था ऐसे अपराधों के उन्मूलन में प्रभावी रूप से कार्य कर रही है।
कैशलेस अर्थव्यवस्था के 9 नुकसान Disadvantages of Cashless Economy in Hindi
अधिक खर्च की संभावना
कैशलेस अर्थव्यवस्था क्रेडिट कार्ड और दूसरी कई सुविधाओं को उपभोक्ताओं तक मुहैया कराती है, जिससे कई बार लोग बैंक से उधार लिए गए पैसों से भी अत्यधिक खरीदी कर लेते हैं। कैशलेस अर्थव्यवस्था का यह नुकसान है कि इसके कारण कई बार अधिक पैसे खर्च हो जाते हैं।
साइबर सुरक्षा
डिजिटल ट्रांजैक्शंस से जुड़ा एक चिंता का विषय यह भी है कि हर समय हैकर्स की नजर लोगों के बैंक अकाउंट पर होती है। एक छोटी सी गलती भी आपके बैंक अकाउंट को कुछ सेकेंड के अंदर ही खाली कर सकती है। इस कारण साइबर सुरक्षा कैशलेस अर्थव्यवस्था से संबंधित चिंतित विषय है।
वित्तीय व डिजिटल साक्षरता
अगर कैशलेस अर्थव्यवस्था को प्रभावी रूप से उपयोग में लाना है, तो लोगों में डिजिटल साक्षरता होना बहुत जरूरी है। भारत जैसे विकासशील देशों में साक्षरता दर इतनी नहीं है।
इसके अलावा लोग टेक्नॉलॉजी के क्षेत्र में भी अधिक ध्यान नहीं रखते हैं। बगैर वित्तीय और डिजिटल साक्षरता के कैशलेस अर्थव्यवस्था प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकता।
स्मार्टफ़ोन और कनेक्टीविटी की कमी
भारत जैसे कई देशों में ऐसे लोगों की आबादी बहुत अधिक है, जिनके पास स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी की उपलब्धि नहीं है। किसी भी डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी और मोबाइल फोन का होना तो बहुत जरूरी है।
यह एक गंभीर मुद्दा है कि बिना स्मार्टफोन और कनेक्टिविटी के पूरे देश में कैशलेस अर्थव्यवस्था को कैसे प्रोत्साहित किया जाए।
ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में असमान सुविधाएं
इस तरह की सुविधाएं शहरों में चारों तरफ उपलब्ध होती हैं, जैसे कि बैंक, एटीएम मशीन इत्यादि। लेकीन यह ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम नहीं देखी जाती है।
यह ढांचागत विकास के पिछड़ेपन को दर्शाता है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ऐसी सामान्य सुविधाओं में असंतुलन के कारण कैशलेस अर्थव्यवस्था को इतना समर्थन नहीं मिल पा रहा है।
स्मार्टफ़ोन पर पूर्ण निर्भरता
कैशलेस अर्थव्यवस्था का यह सबसे बड़ा नुकसान है कि यह लोगों को स्मार्ट फोन पर पूर्ण रूप से निर्भर होने को मजबूर करता है। प्रत्येक जरूरी डीटेल्स लोगों के स्मार्टफोन में ही दर्ज होती है। यदि स्मार्ट फोन खो जाए तो बहुत बड़ा हानी होगा, इसलिए लोग हर क्षण अपने स्मार्टफोन को अपने साथ ही रखते हैं।
वित्तीय असमानता
समानता की बात करें अमीर और गरीब वर्ग के लोगों द्वारा कैशलेस पद्धति के स्वीकार करने में बहुत अंतर होता है। क्योंकि कोई किसान अथवा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोग ऐसे डिजिटल ट्रांजेक्शन के विषय में शिक्षित नहीं होते हैं। वे डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से बहुत दूर होते हैं। यह वित्तीय असमानता के कारण भी देखा जाता है।
रोजमर्रा के खर्च के लिए बाधा
हमारे देश में आज भी छोटे-मोटे कामों के लिए मुद्रा की आवश्यकता पड़ती है। क्योंकि डिजिटल ट्रांजेक्शन का प्रचलन इतना नहीं है, इसीलिए लोग डिजिटल करेंसी को भी स्वीकार नहीं करते हैं। कई बार बुनियादी खर्चों के लिए नकद की आवश्यकता पड़ती है।
गोपनीयता की चिंता
गोपनीयता का हनन यह कैशलेस अर्थव्यवस्था के प्रमुख हानि में से एक गिना जा सकता है। जिस तरह कैशलेस अर्थव्यवस्था का प्रचलन बढ़ रहा है, उतनी गति से ही साइबर क्राइम्स भी अपना पैर पसार रहे हैं।
जो लोग तकनीकी रूप से जागरूक नहीं होते हैं, उनके साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी या साइबर क्राइम की संभावना बहुत हद तक बढ़ जाती है।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में आपने कैशलेस अर्थव्यवस्था के फायदे व नुकसान (Advantages and Disadvantages of Cashless Economy in Hindi) के बारे में पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।
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